Monday 6 April 2015

सिक्के का हर पहलू तेरा

सिक्के का हर पहलू तेरा I
पर चांदी का सिक्का मेरा II
तकड़ी तेरी बिल्ला तेरा I
पर रोटी का टुकड़ा मेरा II
सोना-चांदी सब ही तेरा I
काली स्याही कागज़ मेरा II
सुविधा तेरी साधन तेरा I
ऊँचा-नीचा है पथ मेरा II
चीख तेरी व भोंपू तेरा I
नहीं भटकता रिश्ता मेरा II
ढोलक तेरी नर्तन तेरा I
ना रीझूं तो ये मन मेरा II
मस्जिद तेरी मंदिर तेरा I
सीधा-सादा शबद है मेरा II
ताकत तेरी डंडा तेरा I
मैं बोलूँगा ये मुँह मेरा II
भीड़ तेरी व नारा तेरा I
क्या करना है चिंतन मेरा II
सत्ता तेरी पद भी तेरा I
इन पर भारी है मत मेरा II
फांदी तेरी चारा तेरा I
मैं काटूं ये नश्तर मेरा II
-त्रिलोकी मोहन पुरोहित, राजसमन्द (राज) 

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