Saturday 28 April 2012

संवाद के लिए , मुलाक़ात तो करें.




दूर क्यों खड़े , आओ बात तो  करें.
संवाद के लिए , मुलाकात तो करें.

सूनी - सूनी सांज,
उदास  है   प्रभात ,
दिग्भ्रमित है दिन ,
बर्फ  सी   है   रात .

मौन क्यों रहें ,आओ बात तो तो करें .
संवाद के  लिए , मुलाक़ात   तो  करें.

उलजनों की डोर,
गुच्छ   सी    बनी,
सब प्रयास विफल ,
गुत्थियां      तनी   .
हठ   क्यों   करें , आओ  बात तो करें .
संवाद के  लिए , मुलाक़ात  तो करें.
कागज की सही ,
छोटी  नाव तो तिराएँ ,
गीली रेत के सहारे ,
कुछ अपना बनाएं ,
विवाद क्यों करें  , आओ बात  तो करें ,
संवाद के  लिए , मुलाक़ात   तो   करें .

No comments:

Post a Comment

संवेदना तो मर गयी है

एक आंसू गिर गया था , एक घायल की तरह . तुम को दुखी होना नहीं , एक अपने की तरह . आँख का मेरा खटकना , पहले भी होता रहा . तेरा बदलना चुभ र...